सीएमओ ने उड़ाई उच्च न्यायालय के आदेश की धज्जियां , न्यायालय का स्टे होने के वावजूद आदेशो को ताक पर रखकर दवंग सीएमओ ने किया कर्मचारियों को नौकरी से बाहर

यूपी के बदायूँ जिले के सीएमओ ने उड़ाई उच्च न्यायालय के आदेश की धज्जियां , न्यायालय का स्टे होने के वावजूद आदेशो को ताक पर रखकर दवंग सीएमओ ने किया कर्मचारियों को नौकरी से बाहर 


उत्तर प्रदेश के बदायूँ जिले के सीएमओ डॉ यशपाल सिंह ने मां उच्च न्यायालय के आदेश को ताक पर रखकर न्यायालय का स्टे होने के वावजूद आदेशो को ताक पर रखकर दवंग सीएमओ ने संविदा कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया । 
और उनकी सविंदा समाप्त कर कर्मचारियों की संविदा समाप्त कर दी । 


 आपको बता दे बदायूँ जिले के सीएमओ डॉ यशपाल सिंह ने संविदाकर्मियों के द्वारा 11 माह का वेतन मागने पर भड़क उठे , और उनको फ़र्ज़ी बताकर  उनकी संविदा समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया । जबकि उसी समय के शासनादेश अनुसार 48 पदों को वैध बता दिया । जबकि 60 पदों को ज्यादा बताकर सभी कर्मचारियों को सविंदा सम्पाती का आदेश जारी कर दिया ।  



 जब सीएमओ से पूछा गया कि कितने पद है, तो उन्होंने गैरजिम्मेदाराना शब्दो का प्रयोग करते हुए कहा कि मुझे इस मामले में कोई जानकारी नही है । अब ऐसे में सवाल यह उठता कि एक जिम्मेदार पद सम्भाल रहे सीएमओ डॉ यशपाल सिंह अब इस तरह का जवाब उनकी कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगता नज़र आ रहा है ।



 इधर कर्मचारियों का कहना है । कि सीएमओ बदायूँ द्वारा मोटी रकम बसूली जा रही है । जिन कर्मचारियों ने सीएमओ को मोटी रकम दे दी , उनका नाम लिस्ट में जारी कर दिया गया है । और जो कर्मचारी पैसे न दे पाए उनकी सविदा समाप्त कर दी गई है । अब इस तरह की रिश्वतखोरी बदायूँ सीएमओ डॉ यशपाल सिंह खुलेआम कर रहे है । अब ऐसे में प्रशासन के साथ साथ शासन की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिन्ह लगता नज़र आ रहा है ।
अब ऐसे में कहना बिल्कुल गलत नही होगा , कि योगी सरकार का स्वच्छ शासन चलाने का जो सपना है । वो कैसे पूरा हो पाएगा । और कब तक कर्मचारी का शोषण जो आलाधिकारियों की मिली भगत से होता रहेगा , और लगातार 27   माह से इन कर्मचारियों का शोषण होता रहा है

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