मोदी जी के डिजिटलीकरण के सपने को धूमिल करने में कोई कसर नही छोड़ रहा बदायूँ तहसील प्रसाशन,

 मोदी जी के डिजिटलीकरण के सपने को धूमिल करने में कोई कसर नही छोड़ रहा बदायूँ तहसील प्रसाशन,




बदायूँ मोदी जी के डिजिटलीकरण के सपने को धूमिल करने में कोई कसर नही छोड़ रहा बदायूँ तहसील प्रसाशन, पुराने ढररे पर तहसील कर्मचारी,बदायूँ- देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने कुर्सी पर बैठने के बाद देश मे कागजो पर हो रहे कार्यो को डिजिटल रूप देने के लिए तमाम योजनाओ को लागू करने के आदेश दिये और लागू भी हुए डिजिटल कार्य सुचारु रूप से चालू भी हुआ, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि डिजिटल करने का उद्देश्य कार्यो का निस्तारण एक तय समयसीमा मे होना चाहिए,और भ्रस्टाचार पर लगाम लग सके,लेकिन ऐसा कुछ बदलाब तहसील कर्मचारियों में नहीं देखने को मिल रहा,लगातार रिश्बतखोरी की कर्मचारियों की तमाम वीडियो वाइरल भी साधारण तौर पर मिल जाती हैं जबकि अधिकारी पूर्णता सिस्टम में कार्य कर रहे हैं, जहाँ तक आनलाइन कार्यो की बात की जाए, ऐसा ही मामला बदायूँ सदर तहसील के शहर क्षेत्र का है जहां आवेदक महीनों से एक प्रमाण पत्र बनबाने के लिए चक्कर लगा रहा है,27/10/2020 को आवेदन किया और स्लिप पर साफ साफ लिखा है आवेदन निस्तारित होने की अपेक्षित तिथि 26/11/2020 अथवा अधिकतम 30 कार्य दिवस के अंदर,लेकिन आज तक खबर लिखे जाने तक निस्तारित नही हुई,सरकार को आवेदक ने 110 रुपए शुल्क भी अदा किया,बह सरकार द्वारा दिये जाने बाले वेतन का हिस्सा भी बना, देखना यह हैआखिर देरी करने बाले कर्मचारी के खिलाफ सरकार कब और कितना देरी शुल्क बसूलेगी या क्या दण्ड देगी, या फिर हवा हवाई साबित होता रहेगा मोदी जी का डिजिटलीकरण का सपना,

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